A poem of Umesh chandra srivastava
गाँधी होने का मतलब ,
सादगी,सहजता और मृदुलता।
सत्य, अहिंसा परमो धर्म ,
मगर यह सब अब कहाँ ?
जहाँ देखिये - वहां ,
यह सब भुनाए जा रहे।
अपनी-अपनी स्वार्थपूर्ती के लिए।
गाँधी बनो गाँधी।
गाँधी होने का मतलब समझो।
तब बनेगा देश ,
तब तनेगा राष्ट्र।
और तब हम कहलायेंगे ,
गांधी देश के वाशिंदे।
गाँधी होने का मतलब ,
सादगी,सहजता और मृदुलता।
सत्य, अहिंसा परमो धर्म ,
मगर यह सब अब कहाँ ?
जहाँ देखिये - वहां ,
यह सब भुनाए जा रहे।
अपनी-अपनी स्वार्थपूर्ती के लिए।
गाँधी बनो गाँधी।
गाँधी होने का मतलब समझो।
तब बनेगा देश ,
तब तनेगा राष्ट्र।
और तब हम कहलायेंगे ,
गांधी देश के वाशिंदे।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव -
A poem of Umesh chandra srivastava