A poem of Umesh chandra srivastava
हिंदी, हिन्दू , हिंदुस्तान,
यही हमारी है पहचान ।
दूर-देश से जो भी आये ,
वह सब यहं पर हैं मेहमान।
'हिन्द' शब्द संस्कृत का 'सिंधु'
'सिंधु' सिंध नदी में बिहँसा।
आस-पास सिंधु भूमि है ,
यही शब्द ईरानी में जाकर ,
'हिन्दू ' 'औ' 'हिन्दू' कहलाया।
इसका मायने 'सिंध प्रदेश',
धीरे-धीरे ईरानी भी ,
भारत भू भाग को जाने ,
इसी शब्द का अर्थ विस्तार।
हिन्द शब्द भारत हार।
इसी ईरानी का 'ईकं' प्रत्यय ,
'हिन्दीक' बना अर्थ है 'हिन्द' का ,
यूनानी का शब्द 'हिंदीका',
अंग्रेजी में बना 'इंडिया'।
आदि 'हिन्दीक', का विकसित रूप ,
'हिंदी' भी 'हिन्दीक' परिवर्तित।
इसका मूल अर्थ 'हिंदीका' ,
विश्लेषण है किन्तु बाद में ,
भाषा के अर्थों में संज्ञा ,
बना रचा 'औ' हो गया हिंदी।
हिंदी, हिन्दू , हिंदुस्तान,
यही हमारी है पहचान ।
दूर-देश से जो भी आये ,
वह सब यहं पर हैं मेहमान।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव -
A poem of Umesh chandra srivastava