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Tuesday, November 6, 2018

पावन सुखद दीवाली आयी

A poem of Umesh chandra srivastava



पावन सुखद दीवाली आयी ,
हर घर-घर में खुशियां छायी।

हर्षित बच्चे फोड़ें पड़ाका ,
धूम-धड़ाका धूम-धड़ाका।
माँ लेकर के लावा चिउरा ,
लाई लायी लेकर मिठाई।

          पावन सुखद दीवाली आयी ,
          हर घर-घर में खुशियां छायी।
सुन्दर प्यारा त्यौहार हमारा ,
बढ़ता जिससे भाई-चारा। 
बाँट-वांट कर खाएं मिठाई ,
अद्भुत दिवस आज है भाई। 
         पावन सुखद दीवाली आयी ,
         हर घर-घर में खुशियां छायी।
सांझ पहर लक्ष्मी गणेश को ,
दीप जलाएं सब मिल भाई। 
प्रेम प्यार का छटा बिखेरें,
दीपावली आयी है भाई । 
          पावन सुखद दीवाली आयी ,
          हर घर-घर में खुशियां छायी। 






उमेश चंद्र श्रीवास्तव -
A poem of Umesh chandra srivastava 

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