शिव स्वरूप शिव लिंग बनाया ,
अर्थ शिवा-कल्याण बताया ।
गणपति-गण-गण के हैं राजा,
ऋद्धि-सिद्धि उनकी भार्या ।
शुभ 'औ ' लाभ सुता उनके हैं,
मर्म यही - इनका समझो ।
दर्शन उनका यही बताया ,
पर 'दर्शक' से नहीं है नाता।
'दर्शक' लिए ही प्रतिमा गढ़कर,
रूप सरोवर को समझाया ।
अलख जग लो , जग भरमा लो ,
क्या-इससे कुछ तुमको मिलेगा ?
हाँ-मिलेगा ,बहुत मिलेगा ,
जीवन में खूब फूल खिलेगा ।
फूल की चाहत सबको होती ,
लेकिन फल कर्मो से मिलता ।
यही एक है बात बतानी ,
किस्सा समझो या कहानी ।
पर जीवन का सत्य यही है ,
बात यही सबको समझनी ।
-उमेश श्रीवास्तव
अर्थ शिवा-कल्याण बताया ।
गणपति-गण-गण के हैं राजा,
ऋद्धि-सिद्धि उनकी भार्या ।
शुभ 'औ ' लाभ सुता उनके हैं,
मर्म यही - इनका समझो ।
दर्शन उनका यही बताया ,
पर 'दर्शक' से नहीं है नाता।
'दर्शक' लिए ही प्रतिमा गढ़कर,
रूप सरोवर को समझाया ।
अलख जग लो , जग भरमा लो ,
क्या-इससे कुछ तुमको मिलेगा ?
हाँ-मिलेगा ,बहुत मिलेगा ,
जीवन में खूब फूल खिलेगा ।
फूल की चाहत सबको होती ,
लेकिन फल कर्मो से मिलता ।
यही एक है बात बतानी ,
किस्सा समझो या कहानी ।
पर जीवन का सत्य यही है ,
बात यही सबको समझनी ।
-उमेश श्रीवास्तव
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