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Thursday, July 7, 2016

दर्शन -दर्शक

शिव स्वरूप शिव लिंग बनाया ,
अर्थ शिवा-कल्याण बताया । 
गणपति-गण-गण के हैं राजा, 
ऋद्धि-सिद्धि उनकी भार्या । 
शुभ 'औ ' लाभ सुता उनके हैं, 
मर्म यही - इनका समझो । 
दर्शन उनका यही बताया ,
पर 'दर्शक' से नहीं है नाता। 
'दर्शक' लिए ही प्रतिमा गढ़कर, 
रूप सरोवर को समझाया । 
अलख जग लो , जग भरमा लो ,
क्या-इससे कुछ तुमको मिलेगा ?
हाँ-मिलेगा ,बहुत मिलेगा ,
जीवन में खूब फूल खिलेगा । 
फूल की चाहत सबको होती ,
लेकिन फल कर्मो से मिलता ।  
 यही एक है बात बतानी ,
किस्सा समझो या कहानी । 
पर जीवन का सत्य यही है ,
बात यही सबको समझनी । 
                                                 -उमेश श्रीवास्तव 



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