A poem of Umesh chandra srivastava
माँ काली के आराधन से ,
जनम, मरण पोषण मिलता।
शक्ति स्वरूपा हे माँ काली ,
तेरा वंदन अभिनंदन।
तेरी कृपा से सृष्टि चलती,
सब जान का आँचल भरती।
तू ही एक सहारा माँ है ,
तेरा जग गुणगान करे।
शिव की प्यारी, शिव की दुलारी,
काली नाम अमर हुआ।
तेरे चरणों में माँ वंदन ,
रोली, ऐपन, चन्दन है।
तेरा ही गुण नित मैं गाउँ,
ऐसा माँ दे दो वरदान।
भक्त तुम्हारा चरणों में है,
मद और मोह को दूर करो।
माँ काली के आराधन से ,
जनम, मरण पोषण मिलता।
शक्ति स्वरूपा हे माँ काली ,
तेरा वंदन अभिनंदन।
तेरी कृपा से सृष्टि चलती,
सब जान का आँचल भरती।
तू ही एक सहारा माँ है ,
तेरा जग गुणगान करे।
शिव की प्यारी, शिव की दुलारी,
काली नाम अमर हुआ।
तेरे चरणों में माँ वंदन ,
रोली, ऐपन, चन्दन है।
तेरा ही गुण नित मैं गाउँ,
ऐसा माँ दे दो वरदान।
भक्त तुम्हारा चरणों में है,
मद और मोह को दूर करो।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव-
A poem of Umesh chandra srivastava
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