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Saturday, April 6, 2019

शैल सुता माँ तुम्हें प्रणाम


A poem of Umesh chandra srivastava

माँ के चरणों में है वंदन,
शैल सुता माँ तुम्हें प्रणाम |
नमन तुम्हारा हरदम कर लें,
ऐसा माँ दो तुम वरदान |
तेरी महिमा जग भर गाये ,
तू कारा को दूर करे |
मन से कलुषित भाव मिटा के ,
उसमे तू नवरस भर दे |





उमेश चन्द्र श्रीवास्तव- 
A poem of Umesh chandra srivastava

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