A poem of Umesh chandra srivastava
माँ के चरणों में है
वंदन,
शैल सुता माँ तुम्हें प्रणाम
|
नमन तुम्हारा हरदम कर लें,
ऐसा माँ दो तुम वरदान |
तेरी महिमा जग भर गाये ,
तू कारा को दूर करे |
मन से कलुषित भाव मिटा के ,
उसमे तू नवरस भर दे |
उमेश चन्द्र श्रीवास्तव-
A poem of Umesh chandra srivastava
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