A poem of Umesh chandra srivastava
सावन पावन महीना है
,
इसमें शिव का नगीना
है |
भक्तों आओ जरा शिव
धाम ,
भोले शंकर बुलाते
हैं राम |
शिव की भक्ति है
शक्ति अपार ,
श्रद्धा से सब करो नमश्कार
|
कितना सुन्दर है लगता
धाम ,
साथ बैठी है शक्ति
वाम |
सावन पावन महीना है ,
इसमें शिव का नगीना है |
उमेश चन्द्र
श्रीवास्तव-
A poem of Umesh chandra srivastava
No comments:
Post a Comment