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Monday, August 15, 2016

गीत

आजादी के परवानों  की बात बताएं क्या ?
किस्से-कहानी नहीं हकीकत राज बताएं क्या ?
वह तो सरहद पर नित जीते भारत के सम्मान में ।
वक्त पड़े तो मर मिट जाते देश के गौरव गान में ।
सुख वैभव को त्याग डटे  हैं सुबह, दुपहरी रात पहर।
घर में भाई बहना पत्नी सब के  मोह को त्याग कर ।
 मात-पिता के अमर पुत्र हैं वह धरती के लाल हैं ।
 रक्त लाल उनका भी रहता ,इच्छाएं प्रेरित करती।
पर वह देश हितार्थ डटे  हैं इच्छाओं को मार कर।
देश सपूतों तेरी पूजा अर्चन क्या जग कर पायेगा ?
वीरसपूतों तेरी कहानी देश सदा ही गायेगा ।

                                                                                                             -उमेश चंद्र श्रीवास्तव 

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