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Friday, August 26, 2016

गीत गाओ सजन , गुनगुनाओ सजन ,

गीत गाओ सजन , गुनगुनाओ सजन।
पास बैठो जरा मुस्कुराओ सजन ।


प्रेम ही प्यार से हम सफ़र पर चलें
हिम शिखर देख कर थोड़ा हम हैं गले।
आस में प्यास की रश्मियां घुल रहीं।
मन तरंगित हुआ पास  हम हो गए।
             देख कर चकित हो गए नजारा सजन।
 

लोग कहते यहाँ शिव का यह धाम है।
धुन रमा कर जो बैठे ही रहते सदा।
पास सती का है कुछ मोहक सामीप्य।
बस उमंगों में धीरज  बंधाओ  सजन।
             गीत गाओ सजन , गुनगुनाओ सजन।


शाक्ति से शिवम् को मिल रही ऊष्मा।
हैं वह बैठे भभूति लगाए हुए।
इस जगत का वही करते कल्याण हैं।
उनका मोहक स्वरुप दिखाओ सजन।
          गीत गाओ सजन , गुनगुनाओ सजन। 

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