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Thursday, August 25, 2016

श्याम तेरी मुरली

 श्याम तेरी मुरली की तान बड़ी मोहक । 
तन मन में प्रेम का रस भर जाता ।
सुध -बुध सब खो जाती, तान बड़ी सोहक । 
             श्याम तेरी मुरली की तान बड़ी मोहक । 
आँखों का अंजन  अधरों पे चला जाता । 
अधरों की लाली आँखों में समां जाती । 
ऊपर का नीचे सब वस्त्र हो जाता । 
कैसे है जादू ओ श्याम तेरी मुरली में । 
पूरा का पूरा वंशी बट खो जाता । 
             श्याम तेरी मुरली की तान बड़ी मोहक । 
नखसिख सब प्रेममयी ,सब ही हो जाता। 
बच्चा भी अठखेली भूल सा है जाता । 
पशु-पक्षी सन्न हो , सुनते है तान को । 
मुरली के रस में सब मगन मगन हो के । 
नाच उठते मृग,मयूर ,कोयल भी मौन है । 
क्या रस तुम दे देते , श्याम अपनी तन में । 
झूम झूम गगन,मही ,सूरज खो जाता । 
             श्याम तेरी मुरली की तान बड़ी मोहक ।  
-उमेश वहन्द्र श्रीवास्तव 

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