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Sunday, August 21, 2016

गीत

(गतांक से आगे )
                             


जन मन  भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी। 
गांधी बाबा नेहरू चाचा
वीर सुबाश यहाँ के ,
परचम लहरा अमर हो गए ,
देश को मुक्त कराया ,
उनकी अनुपम गाथाओं से ,
अभिसिंचित सब वासी  । 
                           जन मन भारत वासी,
                           महिमा तेरी है अविनाशी। 

गीता की अमर वाणी गूँजे ,
राम रमे हैं – रग-रग,
कृष्ण की बलिहारी अदभुत  ,
सती सावित्री ,आपला का ,
तप अक्षुण्य सुखरासी । 
                           जन मन भारत वासी,
                           महिमा तेरी है अविनाशी। 
 वेद उपनिषद ,
आख्यान यहाँ पर ,
पूरानो की चर्चा ,
सुर , कबीर,’औ  तुलसी की ,
बहती पवन धारा ,
जन –जन का सब कारा हरती
समरसता है देती ,
भारत जग मे सबसे ऊंचा ,
सुसंस्कृत हैं वासी। 
                           जन मन भारत वासी,
                      महिमा तेरी है अविनाशी। ...
(शेष कल )

                                        -उमेश चंद्र श्रीवास्तव 

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