(गतांक से आगे )
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी।
गांधी बाबा नेहरू चाचा
वीर सुबाश यहाँ के ,
परचम लहरा अमर हो गए ,
देश को मुक्त कराया ,
उनकी अनुपम गाथाओं से ,
अभिसिंचित सब वासी ।
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी।
गीता की अमर वाणी गूँजे ,
राम रमे हैं – रग-रग,
कृष्ण की बलिहारी अदभुत ,
सती सावित्री ,आपला
का ,
तप अक्षुण्य सुखरासी ।
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी।
वेद उपनिषद ,
आख्यान यहाँ पर ,
पूरानो की चर्चा ,
सुर ,
कबीर,’औ ’ तुलसी की ,
बहती पवन धारा ,
जन –जन का सब कारा हरती
समरसता है देती ,
भारत जग मे सबसे ऊंचा ,
सुसंस्कृत हैं वासी।
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी। ...
-उमेश चंद्र श्रीवास्तव
महिमा तेरी है अविनाशी। ...
(शेष कल )
-उमेश चंद्र श्रीवास्तव
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