जन-मन भारतवासी ,
महिमा तेरी है अविनाशी ।
उत्तर में हिमगिरी शिखर है ,
गंगा-यमुना बहती ,
माँ सरस्वती का पावन जल ,
हृदयों में मुक्त रहता ,
ब्रह्मपुत्र की निर्मल धरा ,
उदधि जल लहराता ,
पुलकित जन-मन ,
हर्षित होकर ,
गाते गौरव गाथा ।
जन-मन भारतवासी ,
महिमा तेरी है अविनाशी। (शेष कल )
-उमेश चंद्र श्रीवास्तव
महिमा तेरी है अविनाशी ।
उत्तर में हिमगिरी शिखर है ,
गंगा-यमुना बहती ,
माँ सरस्वती का पावन जल ,
हृदयों में मुक्त रहता ,
ब्रह्मपुत्र की निर्मल धरा ,
उदधि जल लहराता ,
पुलकित जन-मन ,
हर्षित होकर ,
गाते गौरव गाथा ।
जन-मन भारतवासी ,
महिमा तेरी है अविनाशी। (शेष कल )
-उमेश चंद्र श्रीवास्तव
No comments:
Post a Comment