सुबह-सबेरे राम नाम हरी नाम जपोगे कब तक।
दिन भर दोहन करते रहते क्या तुम ?
राम-नाम जपने का मतलब-सत्य डगर है प्राणी।
सत्य मार्ग पर चलो ,नारायण की है ऐसी वाणी।
मिथ्या जाप करोगे , कुछ भी नहीं मिलेगा।
नर तन पाया व्यर्थ में-इसको मत गवां मेरे भाई।
पाया है जो नर तन प्यारे सुध-बुध रखो संयत।
लोगों का खूब भला करो तुम , यही जगत की थाती।
वार्ना घूमों फिरो व्यर्थ में , अपावन तुम बनकर।
भोग के खातिर मत तुम जियो ,योग के खातिर जियो।
गीता का उपदेश यही है, सत्यासत ही जियो।
नाहक में तुम स्वांग रचा कर , प्यारे मत तुम भटको।
जीवन सुखद ,सार्थक होगा जब तुम सत्य धरो गे।
लोक हितों के लिए मरो तुम, प्राणी विनय हमारी।
दिन भर दोहन करते रहते क्या तुम ?
राम-नाम जपने का मतलब-सत्य डगर है प्राणी।
सत्य मार्ग पर चलो ,नारायण की है ऐसी वाणी।
मिथ्या जाप करोगे , कुछ भी नहीं मिलेगा।
नर तन पाया व्यर्थ में-इसको मत गवां मेरे भाई।
पाया है जो नर तन प्यारे सुध-बुध रखो संयत।
लोगों का खूब भला करो तुम , यही जगत की थाती।
वार्ना घूमों फिरो व्यर्थ में , अपावन तुम बनकर।
भोग के खातिर मत तुम जियो ,योग के खातिर जियो।
गीता का उपदेश यही है, सत्यासत ही जियो।
नाहक में तुम स्वांग रचा कर , प्यारे मत तुम भटको।
जीवन सुखद ,सार्थक होगा जब तुम सत्य धरो गे।
लोक हितों के लिए मरो तुम, प्राणी विनय हमारी।
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