(गतांक से आगे )
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी।
मनु-श्रद्धा की अमर कहानी ,
हम सब उनके वंशज ,
हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई ,
सब हैं प्रेम से रहते ,
अमर प्रेम ही धरोहर है ,
हम सब भारत वासी ,
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी।
सदियों से पावन भूमि का ,
ब्रह्माण्ड में नाम रहा है ,
तिरंगे की शान निराली ,
तिरंगा है प्यारा ,
लहराए-यह जन-मन भीतर ,
महिमा अविरल धारा ,
यह बसता-सब रोम-रोम में ,
मन मस्तिष्क की धारा ,
प्यारा-प्यारा अपना तिरंगा ,
जन-मन का उजियारा ,
इसके बूते भारत बढ़ता,
धरती का यह प्यारा,
न्यारा-न्यारा अपना तिरंगा ,
लहराए-लहराए ,
हम सब भारत वासी इसके ,
यह सब का है दुलारा ,
जन मन भारत वासी,
महिमा तेरी है अविनाशी।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव-
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