A poem of Umesh chandra srivastava
सवाल पूछता हूँ ,
जवाब चाहिए।
बातों में न लुभाना ,
वह काम चाहिए।
कहा था तुम्ही ने ,
आयेंगे अच्छे दिन।
अब क्या हो रहा है ,
जवाब चाहिए।
बैठे वहां पर तुम ,
कहते वहां पर तुम।
चुनावों की बात का ,
हिसाब चाहिए।
बेटी पढ़ाया तुमने ,
बेटी बढ़ाया तुमने।
क्या हो रहा है अब ,
इंसाफ चाहिए।
सवाल पूछता हूँ ,
जवाब चाहिए।
बातों में न लुभाना ,
वह काम चाहिए।
कहा था तुम्ही ने ,
आयेंगे अच्छे दिन।
अब क्या हो रहा है ,
जवाब चाहिए।
बैठे वहां पर तुम ,
कहते वहां पर तुम।
चुनावों की बात का ,
हिसाब चाहिए।
बेटी पढ़ाया तुमने ,
बेटी बढ़ाया तुमने।
क्या हो रहा है अब ,
इंसाफ चाहिए।
उमेश चन्द्र श्रीवास्तव -
A poem of Umesh chandra srivastava
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