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Thursday, August 16, 2018

कवि ह्रदय अटल जी को श्रद्धांजलि

A poem of Umesh chandra sriastava

अटल तुम्हारी रीति अलग थी ,
अटल तुम्हारी प्रीती अलग |
गर अब सोचें लोग उन्हें सब ,
तो निज देश अमर होगा |

उमेश चंद्र श्रीवास्तव -
A poem of Umesh chandra sriastava

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