खनके चूड़ी, कंगना "औ",
पायल बाजे छम-छम-छम।
आहट तेरे आने की,
कुछ होती हर दम-दम-दम।
रूप तेरा दर्पण है "औ",
नयन तेरे है नम-नम-नम।
चाल तेरी मतवाली,
जो लय में होती हर दम-दम-दम।
बात तेरी है शीरी,
जो मिश्री घोले पल-पल-पल।
बात बताऊ क्या-क्या?
तू रूप की सागर हर दम-दम-दम।
प्रभु ने तुम्हे बनाया,
कुछ फुरसत के ही छड़-छड़-छड़।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव
पायल बाजे छम-छम-छम।
आहट तेरे आने की,
कुछ होती हर दम-दम-दम।
रूप तेरा दर्पण है "औ",
नयन तेरे है नम-नम-नम।
चाल तेरी मतवाली,
जो लय में होती हर दम-दम-दम।
बात तेरी है शीरी,
जो मिश्री घोले पल-पल-पल।
बात बताऊ क्या-क्या?
तू रूप की सागर हर दम-दम-दम।
प्रभु ने तुम्हे बनाया,
कुछ फुरसत के ही छड़-छड़-छड़।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव
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