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Tuesday, November 29, 2016

राम राज्य का स्वप्न दिखाना

राम राज्य का स्वप्न दिखाना ,
बच्चों वाली बात नही।
जनता को यूँ ही बहलाना ,
बच्चों वाली बात नहीं।
रोज-रोज निर्देश सुनाना ,
बच्चों वाली बात नहीं।
वादा किया था क्या-क्या तुमने ?
उससे मुकरे,थोप यह देना ,
जनता को यूँ ही फुसलाना ,
बच्चों वाली बात नहीं।
पचास दिनों में 'वो राज्य' को लाना ,
बच्चों वाली बात नहीं।
हसी-मजाक,तंज यूँ कसना ,
अपने को ही 'पाक' बताना,
दूजे को 'वो है' ठहराना ,
बच्चों वाली बात नहीं।
 देश समाज को झटके देना ,
सबको यूँ लाइन लगवाना ,
बच्चों वाली बात नहीं।
यूँ ही 'कल्प-लोक' में जीना,
डींग मार कर ,आत्म प्रशंसा ,
बच्चों वाली बात नहीं।
अंत में बुद्धू बन के लौटना ,
बच्चों वाली बात नहीं।



  

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