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Sunday, October 30, 2016

दीपदान का पर्व सुहाना

दीपदान का पर्व सुहाना। 
मंगल गीत, मंगलमय हो। 
गण-गण -गण गणपति देवा तो,
रिद्धि-सिद्धि सभी कुछ दें। 
पूर्ण कामना के पालक वो ,
सब में प्रेम सुध भर दे। 
धन,वैभव , लक्ष्मी ,सम्पदा ,
हर जान को सिद्ध वर दें। 
दीपदान का पर्व महान है। 
आरती पूजा अर्चन हो,
सरे नर तन आल्हादित हों ,
धूम धड़ाका करते जोर। 
पोर-पोर ,हर रोम-रोम में ,
ख़ुशी लहार दौड़े बौराय। 
प्रेम सुधा का अमर पर्व यह ,
सब को संभव दृष्टि दे। 


उमेश चंद्र श्रीवास्तव-

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