तुम्हें नाम क्या दूँ ,मैं पूछूँ सवाल ,
तुम तो जहाँ में बनी बेमिसाल।
किताबों में दिखती हो, तुम भी कमाल ,
आओ हकीकत , करूँ कुछ दीदार।
नहीं बात कोई , ना कुछ है सवाल ,
तुम हो दिलों में ,तुम्हारी खुमार।
वो कहतें हैं तुम तो हो दुनिया की जीस्त ,
तुम्हीं पर न्योछावर ,तुम्हीं पर बवाल।
कहें क्या खुदा से, बनाया है खूब ,
तुम तो जहाँ की , कमलदल खिजाब।
उमेश चंद्र श्रीवास्तव -
No comments:
Post a Comment