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Monday, February 20, 2017

हिन्द हमारा हिंदुस्तान

poem by Umesh chandra srivastava 

हिन्द हमारा हिंदुस्तान ,
हम सब भारत की संतान । 
सिख ,ईसाई ,हिन्दू-मुस्लिम ,
सब आपस में भाई-भाई। 

उत्तर में हिम गगन स्पर्शी ,
दक्षिण में है विन्ध्य महान। 
सदियों से इस अतुल धरा पर ,
गंगा-यमुना का वरदान। 

गंगा श्वेत ,जमुन कुछ श्यामल ,
दोनों-उज्वल मन के कोमल।
 
अतुलित गाथा हिन्द हमारा ,
राणा ,वीर शिवा संतान । 
रग-रग में तो देश प्रेम है ,
हम सब भारत  की पहचान । 

सारे देव इसी वसुधा पर ,
आते रहे ,निरन्तर देते -
सद्बुद्धि ,पौरुष महान। 




उमेश चंद्र श्रीवास्तव -


poem by Umesh chandra srivastava

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